श्रीमद भगवद गीता को कैसे पढ़े ? Bhagavad Geeta पढ़ने का सही नियम क्या है ?


नमस्कार दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको श्रीमध भगवद गीता को कैसे पढ़े और भगवद गीता को पढ़ने के सही नियम क्या है और भगवद गीता किस तरह पढ़ी जाये जिससे की उसका फल हमे मिले आइये विस्तार से जाने। 

गीता में आत्मा, परमात्मा, भक्ति, कर्म, जीवन आदि का वृहद रूप से वर्णन किया गया है। श्रीमदभगवद गीता हिन्दू धर्म की सबसे प्रसिद्ध और पवित्र ग्रंथो में से एक है। 

श्रीमद भगवद गीता में 18 अध्या है और 700 श्लोक है भगवद गीता को श्री कृष्ण के द्वारा महाभारत में जो ज्ञान अर्जुन को दिए गया है उसे बताया गया है।

गीता से बहुत सारे ज्ञान मिलते है जैसे की आत्मा और परमात्मा का मिलन कैसे होता है, क्यों हमे फल की चिंता किये बिना केवल अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए और कैसे आप अच्छे और गलत में फर्क समझ सकते है और भी किये जीवन के सवालो को उत्तर आपको भगवद गीता में देखने को मिलता है , लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल तो यह आता है की भगवद गीता को कैसे पढ़े और कैसे आप भगवद पढ़कर उसका सम्पूर्ण ज्ञान ले सकते है।

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गीता को पढ़ना प्रारंभ कैसे करें?

भगवद गीता को आप चाहे तो सुरवात से पढ़ना आरम्भ कर सकते है उससे भी आपको बहुत ज्ञान मिलेगा पर श्री कृष्ण द्वारा यह बताया गया है की गीता को बाहरवें अध्याय पढ़ना शुरू करे क्योकि श्री कृष्ण ने बाहरवें अध्याय को अमृतधारा बताया है।

आप चाहे तो गीता को कहि से भी पढ़ना शरू कर सकते है क्योकि गीता का हर अध्याय अमृत के सामान ही है आपको हर अध्याय से कुछ न कुछ सिखने को मिलेगा।

बारहवाँ अध्याय है तो यह छोटा सा, केवल 20 श्लोकों का यह अध्याय है, परन्तु अमृत की तरह मधुर है। इस अध्याय में परमात्मा श्रीकृष्ण ने भक्ति रस के बारे में बताया है। प्रयत्न मार्ग से भक्ति का मार्ग भिन्न नहीं है।

फिर उसके बाद छटे से ले कर ग्यारहवें अध्याय तक पढ़ें।

फिर दूसरे अध्याय से पाँचवें अध्याय तक पढ़ें।

फिर तेरहवें अध्याय से लेकर अठारहवें अध्याय तक पढ़े।

और फिर पहले अध्याय को पढ़ने के पश्चात सभी अध्याय पहले से अठारहवें अध्याय तक क्रमवार दुबारा पढ़ें।


श्रीमद्भगवद गीता पढ़ने का नियम क्या है ?

श्रीमद्भगवद गीता पढ़ने का कुछ छोटे से नियम तो नहीं है परन्तु कुछ सुझाव है यदि आप भगवद गीता को पढ़ने शुरू करना चाहते है और उसका लाभ उठना चाहते है तो करे ये काम :-

 1. श्रीमद्भगवद गीता को पढ़ने से पहले स्नान करे और तभी गीता को पढ़ने बैठे स्नान से आपका मन शांत रहेगा और गीता आप एक तरोताजा मन से पढ़ पाएंगे।

2. श्रीमद्भगवद गीता को सुबह - सुबह पढ़े आप चाहे तो गीता का पाठ कभी भी जब आपको समय मिले तब पढ़ सकते है परन्तु यदि सुबह आप पढ़ते है और अच्छा रहेगा क्योकि सुबह आपका मस्तिक और मन दोनों ही शांत रहते है और सुबह का वातावरण भी साकरत्मक रहता है।

3. ध्यान रखे जब आप गीता का पाठ करने बैठ जाये तो बीच बीच में उठे नहीं इसे यह होगा आपका मन दोबारा से पढ़ने में नहीं लग पायेगा।

4. साफ-सफाई वाले स्थान और जमीन पर आसन बिछाकर ही गीता का पाठ करना चाहिए।

5. गीता पढ़े तो पढ़ने से पहले और पढ़ने के बाद श्री कृष्ण का ध्यान जरूर करे।

 बस यही कुछ नियम है जिनको की आप भगवद गीता का पाठ करते समय ध्यान में रखे। 



FAQs:-

गीता पढ़ने का सही तरीका क्या है?

गीता को आप कही से पढ़ने शुरू कर सकते है आपको हर गीता के अध्याय से ज्ञान मिलेगा लेकिन आपने कभी गीता नहीं पढ़ी है और शुरुआत करने चाहते है तो आप गीता को बारहवाँ अध्याय से पढ़े क्योकि श्री कृष्ण ने से इस को अमृतधारा बताया है। 

गीता पढ़ने से क्या लाभ है?

यदि आप जीवन में परेशान है जीवन के अनेको सवालों से परेशान है जैसे की मृतु का भय, आत्मा और परमत्मा का मिलन, कर्म और उसका फल और भी बहुत सारे प्रश्न जो की हमारे अंतर्मन में चलते है तो उन सभी प्रश्नो के उत्तर आप गीता पढ़ कर जान जायेंग। 

निष्कर्ष :- 

प्रिये दोस्तों हमने आज के इस ब्लॉग पोस्ट में आपको यह बताया की bhagavad geeta ko kese padhe और भगवद गीता को पढ़ने का नियम क्या है , भगवद गीता क्यों पढ़नी चाहिए और भगवद गीता को पढ़ने से हमे क्या ज्ञान मिलता है। 
यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो आप हमे कमेंट करकर जरूर बताये।